कुछ कुछ होता है
Shayari to express love
बहक जाने दो आज
यूँही पिघल जाने दो
गरम साँसों में तुम्हारी
ख्वाहिश है मेरी
निकले दम
बांहों में तुम्हारी
चाहत तो इतनी भर थी
की लबों को तुम्हारे चूम लेते
इन अधरों के संग
खुशी में
दो पलों को झूम लेते
वक़्त हमदर्द बना
तेरे प्यार में हमने
क्या क्या ना सहा
————————-
मस्ती बेदर्दी हो चली
बातों बातों में
मोहब्बत की हवा बह चली
—————————-
मस्ती बेदर्दी हो चली
बातों बातों में
मोहब्बत की हवा बह चली
रहना चाहता हूँ
पलको में तुम्हारी
महसूस करना चाहता हूँ
खामोशियों को तुम्हारी
तुम्हारे दिल मे
जिस तरह लिखा मेरा नाम है
ठीक उसी तरह
हमें भी तुमसे प्यार है
सुकून इस तन्हा दिल को
तेरी यादों से ही आता है
कुछ इस तरह ये दीवाना
तुम्हे पागलों सा चाहता है
बाहर बालकनी में पड़ा अखबार
जाने कितनी कहानियां था
खुद में समेटे हुए
और यहां मन मे उठते
रहते हैं जाने कितने विचार
कुछ अच्छे , कुछ गमगीन
सपनों को सहेजे हुए
—————————————-
बाहर मौसम कोहरे से
गुलज़ार है पर इतनी ठंड में
हमे तो सिर्फ चाय की प्याली
का इंतज़ार है
क्योंकि तुम्हारे हाथों में
जादू आज भी बरकरार है
————————————
चाय की चुस्की के संग
कुछ गैर जरूरी खबरें भी
हलक से नीचे उतर जाएंगी
हमे तेरी याद
और कितना तड़पायेगी
मोहब्बत ही मोहब्बत है
फिज़ाओ में बिखरी हुयी
मेहबूब के कदमों में
मेरी ख्वाहिशें हैं
सिमटी हुई
की आएंगे वो कभी
मेरे गरीबखाने में
इसी ख्वाब में है
मेरी ज़िंदगी
जकड़ी हुई
——————————–
इश्क़ के फितूर से
खुद को जो अलग किया
मैं मैं ना रहा
जैसे जिस्म से
जान को जुदा किया
——————————–
महफ़िल रोशन
तेरे ही कदमों से होगी
ए हुस्न ए मल्लिका
हम कब से तेरी
याद में चराग़
जलाए बैठे हैं
———–———————
ए मेरे यार तुझे याद ना करें
हमसे ना होगी ऐसी ख़ता
ना कहना कि हमसे प्यार नहीं
वरना हम भूल बैठेंगे
अपना ही पता
——––———————-
तेरी यादों में
मेरा हर लम्हा गुजरता है
प्यार तेरा पाने को
इस दीवाने का दिल
कयामत में भी धड़कता है
—–—————————
बेज़ुबान हम हुए
इश्क़ में फना हम हुए
फिर भी
तेरे होठों पे मुस्कान थी
लगा जैसे मोहब्बत हमारी
खुदगर्ज़ी की पहचान थी
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बहक जाने दो आज
यूँही पिघल जाने दो
गरम साँसों में तुम्हारी
ख्वाहिश है मेरी
निकले दम
बांहों में तुम्हारी
चाहत तो इतनी भर थी
की लबों को तुम्हारे चूम लेते
इन अधरों के संग
खुशी में
दो पलों को झूम लेते
वक़्त हमदर्द बना
तेरे प्यार में हमने
क्या क्या ना सहा
————————-
मस्ती बेदर्दी हो चली
बातों बातों में
मोहब्बत की हवा बह चली
—————————-
मस्ती बेदर्दी हो चली
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मोहब्बत की हवा बह चली
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रहना चाहता हूँ
पलको में तुम्हारी
महसूस करना चाहता हूँ
खामोशियों को तुम्हारी
तुम्हारे दिल मे
जिस तरह लिखा मेरा नाम है
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सुकून इस तन्हा दिल को
तेरी यादों से ही आता है
कुछ इस तरह ये दीवाना
तुम्हे पागलों सा चाहता है
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बाहर बालकनी में पड़ा अखबार
जाने कितनी कहानियां था
खुद में समेटे हुए
और यहां मन मे उठते
रहते हैं जाने कितने विचार
कुछ अच्छे , कुछ गमगीन
सपनों को सहेजे हुए
—————————————-
बाहर मौसम कोहरे से
गुलज़ार है पर इतनी ठंड में
हमे तो सिर्फ चाय की प्याली
का इंतज़ार है
क्योंकि तुम्हारे हाथों में
जादू आज भी बरकरार है
————————————
चाय की चुस्की के संग
कुछ गैर जरूरी खबरें भी
हलक से नीचे उतर जाएंगी
हमे तेरी याद
और कितना तड़पायेगी
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मोहब्बत ही मोहब्बत है
फिज़ाओ में बिखरी हुयी
मेहबूब के कदमों में
मेरी ख्वाहिशें हैं
सिमटी हुई
की आएंगे वो कभी
मेरे गरीबखाने में
इसी ख्वाब में है
मेरी ज़िंदगी
जकड़ी हुई
——————————–
इश्क़ के फितूर से
खुद को जो अलग किया
मैं मैं ना रहा
जैसे जिस्म से
जान को जुदा किया
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महफ़िल रोशन
तेरे ही कदमों से होगी
ए हुस्न ए मल्लिका
हम कब से तेरी
याद में चराग़
जलाए बैठे हैं
———–———————
ए मेरे यार तुझे याद ना करें
हमसे ना होगी ऐसी ख़ता
ना कहना कि हमसे प्यार नहीं
वरना हम भूल बैठेंगे
अपना ही पता
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तेरी यादों में
मेरा हर लम्हा गुजरता है
प्यार तेरा पाने को
इस दीवाने का दिल
कयामत में भी धड़कता है
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बेज़ुबान हम हुए
इश्क़ में फना हम हुए
फिर भी
तेरे होठों पे मुस्कान थी
लगा जैसे मोहब्बत हमारी
खुदगर्ज़ी की पहचान थी
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