Saturday, May 26, 2018

महिला सशक्तिकरण | Women Empowerment in India Speech

महिला सशक्तिकरण | Women Empowerment in India Speech




21 वी सदी, यानी की एक ऐसा युग जहाँ महिलाओं के सम्मान और महिलाओं के पुरुषों के साथ कदम से कदम और कंधे से कन्धा मिलाने की लिए कई अभियान चलाए गए| लेकिन क्या वाकई में इन अभियानों, आन्दोलनों से हमारी महिलाओं के प्रति सोच में कुछ परिवर्तन आया है| आज मुद्दा महिलाओं को सशक्त करने का नहीं वरन हमारी दकियानूसी सोच में परिवर्तन करने का है| आज हम महिला सशक्तिकरण के इसी मुद्दे पर हम बात करेंगे….Women Empowerment in India Speech

महिला सशक्तिकरण | Women Empowerment in India Speech

कई सालों पहले हमारी भारतीय संस्कृति में कई सारे बदलाव हुए| उन्हीं में एक सबसे बड़ा बदलाव था भारतीय संस्कृति का छोटे-छोटे समाज के रूप में परिवर्तित होना| सालो पहले हमारी भारतीय संस्कृति ने अलग-अलग सामाजिक परिपेक्ष में बदलना शुरू किया जहाँ अपना काम के अनुसार अलग-अलग समाज बने जैसे कोई जुते सिलाई का कम करता है तो वह मोची हुआ, कोई सोने-चंडी के आभूषण बनाता है तो वह सुनार हुआ और अगर कोई लकड़ी का कम करता है तो वह सुतार हुआ| लेकिन इन सभी समाजों के साथ कई सारी दकियानूसी प्रथाएँ और सोच भी उभर कर आई जैसे, दहेज़ प्रथा, घूँघट प्रथा, लड़के की चाह….और इन्हीं  प्रथाओं ने महिलाओं से अपने ही जीवन से जुड़े निर्णय लेने का अधिकार छिन लिया|

माहिला सशक्तिकरण क्या है ? 

आखिरकार इन सभी दकियानूसी सोच और प्रथाओं से ऊपर उठ कर महिलाओं ने अपने अधिकार के लिए संघर्ष करन शुरू किया और आज हम सभी महिलाओं के सम्मान और अधिकार के लिए लड़ रहें हैं| महिला सशक्तिकरण अभियान महिलाओं के संघर्ष को गति देने का ही एक रूप है जहाँ महिला और पुरुष दोनो समाज की इस सोच से लड़ते हुए उन्हें अपना उचित सम्मान और अधिकार दिलाने का प्रयत्न कर रहें हैं|

इसी कड़ी में हम 8 मार्च को पुरे विश्व में महिला दिवस के रूप में मानते हैं| जहाँ हम महिलाओं के अधिकारों के बारे में चर्चा करते है और महिलाओं को अपना उचित अधिकार दिलाने के लिए कई सारी योजनाओं के ऊपर विचार विमर्श करते हैं|

क्या है महिला आरक्षण | What is Women’s Empowerment All About

भारतीय संविधान दुनियां के उन मुख्य संविधानों में से है जो महिला पुरुष समानता की बात करता है| भारतीय संविधान में सामाजिक, राजनितिक और आर्थिक रूप से महिलाओं को पुरुषों के सामान अधिकार प्राप्त है| लेकिन विडंबना इस बात की है, कि आज भी महिलाओं को अपने अधिकारों को प्राप्त करने और अपने सम्मान के लिए लड़ना पड रहा है|

महिलाओं को पुरुषों के समक्ष लाने और अपना उचित अधिकार दिलाने के लिए भारत की कांग्रेस सरकार ने साल 2008 में एक बिल पेश किया जिसके अनुसार संसद की 33 % सीटों पर महिलाओं के आरक्षण की बात कही गई| कांग्रेस सरकार ने राज्यसभा में इस बिल को पास करवा दिया लेकिन पूर्ण रूप से बहुमत नहीं मिलने के कारण कांग्रेस सरकार इस बिल को लोकसभा में पास नहीं करवा पाई|

आज भी हम नारी शक्ति व् नारी सम्मन की बात तो करते है लेकिन जब महिलाओं के लिए त्राग की बात सामने आती है तो आज भी भारतीय पुरुषों के कदम पीछे की और हट जाते हैं| इस बात का प्रत्यक्ष उदारहण पंचायती चुनाओं में देखने को मिलता है जहाँ राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं को 33 % आरक्षण प्राप्त है| यहाँ महिलाऐं पार्टी का टिकैत लेकर चुनाओं जीत तो जाती है लैकिन राजनितिक फैसले आज भी घर के पुरुष ही मिल कर करते हैं|

महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता | women in development

भारत! जिसे कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था, जिसके साहित्य और संस्कृति की दुनिया भर में कसमें खाई जाती थी, जहाँ नारी को देवी के रूप में पूजा जाता था| आज वही भारत अपने ही देश में महिलाओं के अधिकारों को पाने के लिए संघर्ष कर रहा है| आखिर क्यों हमें महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) की आवश्यकता है….

देश का विकास :-

 जी हाँ, आपने यह कहावत तो सुनी होगी की किसी भी देश का भविष्य उस देश के युवाओं के हाथ में होता है और लड़कियां और महिलाऐं भी युवा वर्ग में ही आती है, तो फिर क्यों भारत में आज भी महिलाऐं और लड़कियां घर के चूल्हे चोक तक सिमित है| क्यों आज भी महिलाओं को अपने निर्णय खुद लेने और घर के बहार की दुनियां देखने का अधिकार तक प्राप्त नहीं है|

रुडीवादी सोच में परिवर्तन

भारत में साहित्य और संस्कृति को मानने और अपनाने पर काफी जोर दिया जाता है लेकिन साहित्य और संस्कृति को मानने में एक सबसे गलत बात यह है की हम सालों पुराणी हमारी दकियानूसी सोच को नहीं बदल पते जिसके कारन हम आज भी पिछड़े हुएं हैं| अगर महिलाओं को पढने और आगे बढ़ने का उचित अवसर दिया जाए तो वे दुनिया बदलने की ताकत रखती है|

शिक्षा का स्तर

यह बात तो साफ है की आज भी भारत की लगभग एक चोथाई आबादी गाँओं में निवास करती है जहाँ बहतर शीशा की सुविधा नहीं होने के कारण आज भी भारत पूर्ण रूप से शिक्षित देश नहीं बन पाया है| अगर महिलाओं को पढने के उचित अवसर मिलें तो वह अपने परिवार को भी शिक्षित कर अपना व् अपने गाँव का स्तर सुधर सकती है|

गरीबी

महिला सशक्तिकरण का सबसे प्रमुख कारण है गरीबी जैसी गंभीर बीमारी को दूर करना| आप यकीं करें या ना करें भारत में आज भी कई ऐसे इलाकें है जहाँ परिवार दो वक्त की रोटी तक नहीं जूटा पाता| कई बच्चे भोजन के आभाव में भुकमरी का शिकार हो जाते हैं| अगर महिलाओं को शिक्षा व् आगे बढ़ने के उचित अवसर मिले तो वे अपना व् अपने परिवार का खर्चा उठा सकती है|

महिला सशक्तिकरण के लिए कुछ खास कानून | Women’s Right

  • अनैतिक यातायात (रोकथाम) अधिनियम, 1956

  • दहेज निषेध अधिनियम, 1961

  • मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961

  • गर्भावस्था अधिनियम, 1971

  • समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976

  • सती आयोग (रोकथाम) अधिनियम, 1987

  • प्री-कॉन्सेशेशन एंड प्री-नेटाल डायग्नॉस्टिक टेक्निक्स (विनियमन और निवारण) अधिनियम, 1994

  • बाल विवाह अधिनियम, 2006

  • कार्यस्थल पर महिलाओं की यौन उत्पीड़न (रोकथाम और संरक्षण) अधिनियम, 2013

भारत सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाई गई योजनाएं | Indian Government Schemes for  Women

  • बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना

  • लाडली लक्ष्न्मी योजना

  • महिला छात्रावास योजना

  • आंगनवाडी योजना

  • इंदिरा गाँधी मात्रत्व सहयोग योजना

  • राष्ट्रीय महिला कोष

महिला सशक्तिकरण | Women Empowerment in India Speech


तो दोस्तों आपको हमारा यह आर्टिकल “ महिला सशक्तिकरण | Women Empowerment in India Speech ” कैसा लगा हमें Comment Section में ज़रूर बताएं और हमारा फेसबुक पेज  जरुर Like करें|

पढ़ें महिला सशक्तिकरण पर “हाल ही में मिस वर्ल्ड बनी भारत की मानुषी छिल्लर के बारे में!
[ad_2]

Source link

1 comment:

  1. After looking over a number of the articles on your web site,
    I really appreciate your way of writing a blog. I saved it to my bookmark
    site list and will be checking back in the near future.
    Also see our wonderful

    LED TV REPAIRING COURSE

    TV REPAIRING COURSE

    LED TV REPAIRING INSTITUTE

    ReplyDelete